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शुक्रवार, 18 मई 2018

आह को बेहिसाब होना था
दर्द दिल का जवाब होना था !

तेरी महफ़िल में आये हैं हम भी
बूंद को बेहिसाब होना था !

आज तूने हमें पुकारा तो
हमीं को लाजवाब होना था !

गरदिशों को मैं ढूंढता ही रहा
दिल का खा़ना ख़राब होना था !

दोस्त आ ले लें आख़िरी झप्पी
अपना रिश्ता ख़राब होना था !

आदमीयत की बात कौन करे
लालची-दिल, जनाब होना था !

दो ही किरणों से देख *सूरज* की
तेरा चेहरा गुलाब होना था !


21-04-2018

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