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शुक्रवार, 16 सितंबर 2011

ग़ज़ल

ग़ज़ल 

तुम मुझसे इस वादा कर लो, मैं तुमसे इक वादा,
इसी बहाने मिला करेंगे, थोडा कभी जियादा !

तुमने मुझसे क्या लेना था, मैंने तुमसे क्या लेना,
मुश्किल तभी ये हल होगी जब होगा नेक इरादा !

जब भी मेरी छत पे आ के चिड़िया चहचहाती है,
मुझको मेरे घर की मुश्किल लगती है कुछ सादा !

सूरज प्रकाश (१८/०७/२०११)

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