चलो सूरज यूँ ही कुछ पुण्य कमाया जाये,
सच से बिछुड़े हुए लोगों को मिलाया जाये !
थक के जो बैठ गए ढलते हुए दिन की मानिंद
उनको उगते हुए सूरज से मिलाया जाये !
पतंग और डोर का सम्बन्ध है बहुत गहरा
अब ये भटके हुए इन्सान को सिखाया जाये !
हाथ आये तो फिर छूटे नहीं रिश्ते यारों
बड़ी ही नाज़ुकी से इनको निभाया जाये !
जिंदा रहने को ज़रूरी हैं वो चीज़ें लाओ,
घर में कुछ गैरज़रूरी को क्यूँ लाया जाये !
देखता हूँ मैं बड़ी देर तलक "सूरज" को
ये वो किस्सा नहीं जो सबको सुनाया जाये !
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